करते है कान्हा तेरा हर पल शुकरियाँ भजन हिंन्दी लिरिक्स- अनिरुद्धाचार्य जी माहराज
करते है कान्हा तेरा हर पल शुकरियाँ
खुशियां जो दी है उस का भी शुकरिया
हम तेरा दियां खाये तेरा ही गुण गाये
जीवन दिया जो उसका बह शुकरिया
करते है कान्हा तेरा..
जब से देखि तेरी ये मूरत दिल में उतर गई बस तेरी सूरत,
तेरा दर्शन मुझे मिला मुरझाया फूल खिला
नजरे जो दी है उसका भी शुकरियाँ
करते है कान्हा तेरा हर पल शुकरिया
हर पल जुबा पे नाम हो तेरा तेरा गुण गान करना काम हो मेरा,
तेरा सुमिरन सदा करू तेरा ही ध्यान धरु
वाणी जो दी है उसका भी शुकरियाँ
करते है कान्हा तेरा हर पल शुकरियाँ
तेरी किरपा से लग्न ये लगी है सोइ हुई तकदीर जगी है
तेरी भगति मुझे मिली जीवन को राह मिली
भगति जो दी है उसका भी शुकरियाँ
करते है कान्ह तेरा हर पल शुकरियाँ
हाथो से मेरे ना कोई गुनाह हो कदमो के तेरे दर पे चलने की चाह हो,
कहता रोमी कान्हा तुम्हे अपना है माना स्वासे जो दी है उसका भी शुकरियाँ,
करते है कान्हा तेरा हर पल शुकरियाँ
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करते हैं कान्हा तेरा हर पल शुक्रिया लिरिक्स
मन में बसा कर तेरी मूर्ति
तेरा भी शुक्रिया ये जिंदगी, तूने एक हंसते हुए चेहरे को खामोश कर दिया